🌸 टेक्नोलॉजी के माध्यम से महिला और बाल सशक्तिकरण: समावेशी भारत की ओर एक प्रगतिशील यात्रा 🌸

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टेक्नोलॉजी के माध्यम से महिला और बाल सशक्तिकरण 🌐 टेक्नोलॉजी के माध्यम से महिला और बाल सशक्तिकरण सशक्तिकरण का सबसे पहला और अहम पहलू है एक्सेस (Access) । जब किसी महिला या बच्चे को सेवाओं, अधिकारों और अवसरों तक सहज और पारदर्शी पहुंच मिलती है, तभी वे सही मायनों में सशक्त बनते हैं। 🚀 पिछले दशक में तकनीक की भूमिका पिछले एक दशक में हमने देखा है कि कैसे टेक्नोलॉजी ने "डेमोक्रेटिक एक्सेस" को संभव बनाया है। डिजिटल इंडिया और समावेशी विकास के विज़न ने महिलाओं और बच्चों तक सरकारी सेवाओं की लास्ट माइल डिलीवरी को साकार किया है। 🏫 सक्षम आंगनबाड़ी और पोषण ट्रैकर सक्षम आंगनबाड़ी पहल के अंतर्गत 2 लाख आंगनबाड़ी केंद्रों को मॉडर्न और टेक-सक्षम बनाया गया है। वर्कर्स को स्मार्टफोन, डिजिटल डिवाइसेस और इनोवेटिव टूल्स से लैस किया गया है। पोषण ट्रैकर एक वेब पोर्टल है जो 14 लाख आंगनबाड़ी केंद्रों से जुड़ा हुआ है। इससे 10.14 करोड़ से अधिक लाभार्थी – गर्भवती महिलाएं, शिशु, किशोरियां – लाभान्वित हो रही हैं। रियल टाइम डेटा, नोटिफिकेशन और सप्लाई की ट्रैकिंग इसको बे...

नसबंदी :इमरजेंसी का काला अध्याय

फोर्स्ड स्टेरलाइजेशन: इमरजेंसी का काला अध्याय

GS Paper 1 – Population and Society से संबंधित यह मुद्दा UPSC के लिए काफी महत्वपूर्ण है। इमरजेंसी को 50 साल हो चुके हैं और इस दौरान जो मानवाधिकार उल्लंघन हुए, उनमें सबसे गंभीर था फोर्स स्टेरलाइजेशन (जबरन नसबंदी)


संजय गांधी का फाइव-पॉइंट प्रोग्राम
  • फैमिली प्लानिंग – जनसंख्या नियंत्रण को सर्वोच्च प्राथमिकता।
  • लिटरेसी – "One Teach One" का नारा।
  • दहेज प्रथा विरोध
  • जातिवाद उन्मूलन
  • ट्री प्लांटेशन – पर्यावरण सुरक्षा हेतु।

हालांकि, सबसे ज्यादा फोकस फैमिली प्लानिंग यानी फोर्स्ड स्टेरलाइजेशन पर था।


माल्थूस का सिद्धांत और सरकार की सोच

माल्थूस ने कहा था कि जनसंख्या तेजी से बढ़ती है लेकिन संसाधन नहीं। इससे गरीबी और अपराध बढ़ता है। इसी सोच के आधार पर संजय गांधी ने जबरन नसबंदी करवाई।


स्टेरलाइजेशन क्या होता है?

यह एक सर्जिकल प्रोसीजर है जिसमें व्यक्ति की रिप्रोडक्टिव क्षमता स्थायी रूप से समाप्त कर दी जाती है। आमतौर पर यह स्वैच्छिक होता है लेकिन इमरजेंसी में इसे जबरदस्ती और राज्य प्रायोजित रूप में लागू किया गया।


इंटरनेशनल उदाहरण
  • USA: 1907-1979 के बीच 60,000+ जबरन नसबंदी (ब्लैक्स, नेटिव अमेरिकन, गरीब, आदि)।
  • नाजी जर्मनी: यूजेनिक्स आधारित नसबंदी।
  • स्वीडन और चाइना: वन चाइल्ड पॉलिसी में फोर्स्ड स्टेरलाइजेशन।

भारत में किसे बनाया गया टारगेट?
  • गरीब, स्लम ड्वेलर्स
  • दलित और माइनॉरिटीज
  • ग्रामीण समुदाय
  • राजनीतिक विरोधी (JP आंदोलन वाले)
  • भिखारी, साधु, अंडर-ट्रायल कैदी, बिना टिकट यात्री

प्रेशर और इनाम की राजनीति

स्थानीय अधिकारियों को टारगेट दिए जाते थे – जैसे एक हफ्ते में 50 नसबंदी। जिनके द्वारा लक्ष्य पूरा किया जाता उन्हें इनाम, प्रमोशन, और सम्मान दिया जाता।

नसबंदी कराने वालों को चावल, पैसा और नौकरी का वादा भी किया जाता था।


विरोध और पुलिसिया दमन
  • मुज़फ्फरनगर, UP: 25 लोगों की गोली मारकर हत्या।
  • हरियाणा, उतावड़: पुलिस रेड और 180 लोगों की जबरन नसबंदी।

लोग गांव छोड़कर जंगलों में भागते थे।


राजनीतिक परिणाम

1977 के चुनाव में कांग्रेस की ऐतिहासिक हार हुई। विपक्ष ने "क्या मिला सरकार को इमरजेंसी लगाकर और नसबंदी कराके" जैसे नारों से माहौल बनाया।


सबक क्या है?
  • Human Rights: हर व्यक्ति को अपनी बॉडी पर अधिकार है।
  • Accountability: सरकार को अपने निर्णयों के लिए जवाबदेह होना चाहिए।
  • Democracy: लोकतंत्र की रक्षा हर हाल में जरूरी है।

आज भी जब 'फैमिली प्लानिंग' या 'नसबंदी' की बात होती है, तो लोगों के मन में डर बैठा होता है।


“एक जिम्मेदार सरकार वही है जो अपनी शक्ति का प्रयोग संवैधानिक मर्यादा में रहकर करे।”

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