विश्व जनसंख्या दिवस 11 जुलाई भारत की प्रगति में चॉइस, नियंत्रण और पूंजी की भूमिका

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भारत की प्रगति में चॉइस, नियंत्रण और पूंजी की भूमिका ✒️ विश्व जनसंख्या दिवस विशेष लेख 📌 प्रस्तावना आज जब हम विश्व जनसंख्या दिवस (11 जुलाई) मना रहे हैं, तो यह सोचने का समय है कि 8 अरब से अधिक की वैश्विक जनसंख्या के बीच भारत जैसे युवा देश को कैसे सही दिशा दी जाए? इस वर्ष की थीम है: "युवाओं को सशक्त बनाएं ताकि वे अपनी पसंद के परिवार बना सकें – एक न्यायपूर्ण और आशावान विश्व में।" इसका सीधा संबंध है: स्वतंत्र निर्णय लेने की क्षमता से महिला सशक्तिकरण से जनसांख्यिकीय लाभांश (डेमोग्राफिक डिविडेंड) से 1994: जनसंख्या और विकास पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन 1994 में हुए जनसंख्या और विकास पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन (ICPD) में यह तय किया गया था कि: हर व्यक्ति को यौन और प्रजनन स्वास्थ्य से जुड़े फैसले खुद लेने का अधिकार होना चाहिए कोई सामाजिक दबाव, हिंसा या भेदभाव नहीं होना चाहिए शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं समय पर मिलनी चाहिए इस सम्मेलन ने बॉडीली ऑटोनोमी और सूचित निर्णय की नींव रखी।...

Let's Go कब करना चाहिए

पढ़ाई कब छोड़ देनी चाहिए? एक ज़रूरी सोच

पढ़ाई कब छोड़ देनी चाहिए? एक ज़रूरी सोच

दोस्तों, आज मैं एक ऐसे विषय पर बात करूंगा जिसे लाखों छात्र-छात्राएं समझने की कोशिश करते हैं लेकिन जब तक समझ पाते हैं, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है।

मैं बात कर रहा हूं — अपनी पढ़ाई को कब "लेट्स गो" कर देना चाहिए।

हमारे आसपास बहुत से प्रतियोगी छात्र और नौकरीपेशा लोग हैं जो सालों की मेहनत के बावजूद एक अच्छी सरकारी नौकरी नहीं पा सके। वे अपने जीवन के 5 से 10 साल पढ़ाई में ही बिता देते हैं — बिना परिवार, समाज और सोशल मीडिया की चिंता किए, एक तपस्वी जैसा जीवन जीते हैं।

ऐसे लाखों लोगों में से हर साल केवल 2% ही अपने लक्ष्य को हासिल करते हैं। बाकी 98% का क्या होता है? वे सोचते ही रहते हैं कि अब छोड़ना है, लेकिन एक और साल बीत जाता है।

इन छात्रों की निजी ज़िंदगी भी प्रभावित होती है — शादी में देरी, बच्चों और माता-पिता से दूरी, आर्थिक और मानसिक तनाव। यहां तक कि अगर आप सफल भी होते हैं, तो समय की कमी आपके साथ हमेशा रहेगी।

इसलिए ज़रूरी है कि आप शुरुआत से ही एक स्पष्ट योजना बनाएं। पहले 1-2 साल अपने लक्ष्य को पूरा समय दें, लेकिन साथ-साथ एक Plan B भी तैयार रखें।

यदि 5 साल में भी मुख्य लक्ष्य में सफलता न मिले तो अपने Plan B को प्राथमिकता दें। और ध्यान रहे — Plan B आपकी रुचि के अनुसार होना चाहिए। Plan A दूसरों के दबाव में हो सकता है, लेकिन Plan B आपका अपना निर्णय होना चाहिए।

आज के इंटरनेट युग में पैसे कमाने के अनगिनत रास्ते हैं — ब्लॉगिंग, यूट्यूब, डिजिटल मार्केटिंग, फ्रीलांसिंग, एजुकेशन प्लेटफॉर्म्स आदि।

खासकर उन छात्रों के लिए जो पहले ही कठिन परिश्रम करने के आदी हैं, उनके लिए Plan B में भी सफलता निश्चित है।

दोस्तों, अगर आपको मेरा यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर और कमेंट करना न भूलें।

धन्यवाद!

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