🌸 टेक्नोलॉजी के माध्यम से महिला और बाल सशक्तिकरण: समावेशी भारत की ओर एक प्रगतिशील यात्रा 🌸

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टेक्नोलॉजी के माध्यम से महिला और बाल सशक्तिकरण 🌐 टेक्नोलॉजी के माध्यम से महिला और बाल सशक्तिकरण सशक्तिकरण का सबसे पहला और अहम पहलू है एक्सेस (Access) । जब किसी महिला या बच्चे को सेवाओं, अधिकारों और अवसरों तक सहज और पारदर्शी पहुंच मिलती है, तभी वे सही मायनों में सशक्त बनते हैं। 🚀 पिछले दशक में तकनीक की भूमिका पिछले एक दशक में हमने देखा है कि कैसे टेक्नोलॉजी ने "डेमोक्रेटिक एक्सेस" को संभव बनाया है। डिजिटल इंडिया और समावेशी विकास के विज़न ने महिलाओं और बच्चों तक सरकारी सेवाओं की लास्ट माइल डिलीवरी को साकार किया है। 🏫 सक्षम आंगनबाड़ी और पोषण ट्रैकर सक्षम आंगनबाड़ी पहल के अंतर्गत 2 लाख आंगनबाड़ी केंद्रों को मॉडर्न और टेक-सक्षम बनाया गया है। वर्कर्स को स्मार्टफोन, डिजिटल डिवाइसेस और इनोवेटिव टूल्स से लैस किया गया है। पोषण ट्रैकर एक वेब पोर्टल है जो 14 लाख आंगनबाड़ी केंद्रों से जुड़ा हुआ है। इससे 10.14 करोड़ से अधिक लाभार्थी – गर्भवती महिलाएं, शिशु, किशोरियां – लाभान्वित हो रही हैं। रियल टाइम डेटा, नोटिफिकेशन और सप्लाई की ट्रैकिंग इसको बे...

Let's Go कब करना चाहिए

पढ़ाई कब छोड़ देनी चाहिए? एक ज़रूरी सोच

पढ़ाई कब छोड़ देनी चाहिए? एक ज़रूरी सोच

दोस्तों, आज मैं एक ऐसे विषय पर बात करूंगा जिसे लाखों छात्र-छात्राएं समझने की कोशिश करते हैं लेकिन जब तक समझ पाते हैं, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है।

मैं बात कर रहा हूं — अपनी पढ़ाई को कब "लेट्स गो" कर देना चाहिए।

हमारे आसपास बहुत से प्रतियोगी छात्र और नौकरीपेशा लोग हैं जो सालों की मेहनत के बावजूद एक अच्छी सरकारी नौकरी नहीं पा सके। वे अपने जीवन के 5 से 10 साल पढ़ाई में ही बिता देते हैं — बिना परिवार, समाज और सोशल मीडिया की चिंता किए, एक तपस्वी जैसा जीवन जीते हैं।

ऐसे लाखों लोगों में से हर साल केवल 2% ही अपने लक्ष्य को हासिल करते हैं। बाकी 98% का क्या होता है? वे सोचते ही रहते हैं कि अब छोड़ना है, लेकिन एक और साल बीत जाता है।

इन छात्रों की निजी ज़िंदगी भी प्रभावित होती है — शादी में देरी, बच्चों और माता-पिता से दूरी, आर्थिक और मानसिक तनाव। यहां तक कि अगर आप सफल भी होते हैं, तो समय की कमी आपके साथ हमेशा रहेगी।

इसलिए ज़रूरी है कि आप शुरुआत से ही एक स्पष्ट योजना बनाएं। पहले 1-2 साल अपने लक्ष्य को पूरा समय दें, लेकिन साथ-साथ एक Plan B भी तैयार रखें।

यदि 5 साल में भी मुख्य लक्ष्य में सफलता न मिले तो अपने Plan B को प्राथमिकता दें। और ध्यान रहे — Plan B आपकी रुचि के अनुसार होना चाहिए। Plan A दूसरों के दबाव में हो सकता है, लेकिन Plan B आपका अपना निर्णय होना चाहिए।

आज के इंटरनेट युग में पैसे कमाने के अनगिनत रास्ते हैं — ब्लॉगिंग, यूट्यूब, डिजिटल मार्केटिंग, फ्रीलांसिंग, एजुकेशन प्लेटफॉर्म्स आदि।

खासकर उन छात्रों के लिए जो पहले ही कठिन परिश्रम करने के आदी हैं, उनके लिए Plan B में भी सफलता निश्चित है।

दोस्तों, अगर आपको मेरा यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर और कमेंट करना न भूलें।

धन्यवाद!

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