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लेखक आशीष सिंह| प्रकाशित: 23 जून 2025
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी कृत्रिम बुद्धिमत्ता का अर्थ है ऐसी मशीनें या सॉफ्टवेयर जो इंसानों की तरह सोचने, समझने और निर्णय लेने की क्षमता रखते हैं। जब आप इंटरनेट पर कुछ सर्च करते हैं, तो थोड़ी देर बाद उसी विषय से जुड़े वीडियो, विज्ञापन या लेख आपके मोबाइल स्क्रीन पर दिखाई देने लगते हैं। यह AI की ताकत का उदाहरण है।
AI मशीन लर्निंग और डेटा एनालिटिक्स पर आधारित होता है। समय के साथ ये सिस्टम खुद से सीखते हैं और पहले से बेहतर निर्णय ले पाते हैं। शुरुआती चरणों में ही AI के बहुत रोचक और प्रभावशाली परिणाम सामने आ चुके हैं, और भविष्य में इसकी गति और दायरा और अधिक बढ़ेगा।
भारत में भी AI का प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है:
एक स्टडी के अनुसार, AI से विश्व स्तर पर $15 ट्रिलियन डॉलर तक का आर्थिक लाभ हो सकता है। भारत में डिजिटल पेमेंट्स, ऑनलाइन शॉपिंग और डेटा विश्लेषण जैसे क्षेत्रों में AI से बड़ा फायदा हो रहा है।
CBSE ने AI को स्कूलों में एक विषय के रूप में शामिल किया है। कई सरकारी स्कूलों में वर्कशॉप और कोर्स शुरू हो चुके हैं ताकि छात्र प्रारंभ से ही इस तकनीक से परिचित हो सकें।
AI के साथ कुछ चुनौतियाँ भी हैं:
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिर्फ तकनीक नहीं बल्कि भविष्य की एक दिशा है। भारत जैसे विविधतापूर्ण देश के लिए यह एक बड़ा अवसर है, जिससे समाज, शिक्षा और अर्थव्यवस्था में समग्र विकास संभव है।
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