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41 साल पहले जब राकेश शर्मा ने सोवियत मिशन के साथ अंतरिक्ष की यात्रा की थी, तब देश ने गर्व महसूस किया था। लेकिन इतने वर्षों तक कोई दूसरा भारतीय स्पेस में नहीं गया, जिससे यह सवाल भी उठने लगे कि क्या भारत पीछे रह गया?
अब सुभांशु शुक्ला, जो भारतीय वायुसेना के टेस्ट पायलट हैं, स्पेशल ट्रेनिंग के बाद अंतरिक्ष गए हैं। वह भारत के दूसरे अंतरिक्ष यात्री बन गए हैं और पहले भारतीय हैं जो इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर पहुंचेंगे।
यह एक प्राइवेट स्पेस मिशन है जिसका संचालन स्पेसX (SpaceX) कंपनी कर रही है। AXIOM Space नामक कंपनी इस मिशन के टिकट बुक करती है, जैसे IRCTC रेलवे टिकट बुक करता है। AXM-4 मिशन में कुल चार यात्री हैं जिनमें से एक सुभांशु शुक्ला हैं।
सुभांशु शुक्ला को खास उपकरणों के साथ भेजा गया है। वहां वो 8 एक्सपेरिमेंट करेंगे: तकनीक कैसे काम कर रही है, इमरजेंसी हैंडलिंग कैसी होगी, स्पेस प्रोटोकॉल क्या होते हैं – यह सब वे अनुभव से सीखेंगे।
इसरो ने AXIOM से यह सीट 548 करोड़ रुपये में खरीदी है। द हिंदू जैसे मीडिया संस्थानों ने सवाल उठाए हैं कि इतने महंगे मिशन की पब्लिकली स्पष्ट वजह और फायदे क्या हैं – ताकि ट्रांसपेरेंसी बनी रहे।
भारत का पहला ह्यूमन स्पेस मिशन गगनयान 2027 में लॉन्च होगा। उससे पहले इसरो चाहता है कि उसके यात्री रियल टाइम अनुभव लेकर लौटें। यही वजह है कि सुभांशु शुक्ला को स्पेस में भेजा गया।
जब राकेश शर्मा गए थे तब कोल्ड वॉर था – अमेरिका और सोवियत यूनियन में स्पेस की होड़ थी। उस समय प्राइवेट कंपनियां नहीं थीं, सिर्फ सरकारें स्पेस मिशन चलाती थीं।
आज नासा (सरकारी) और SpaceX (ईलॉन मस्क की कंपनी) जैसे सहयोगी भारत को मदद दे रहे हैं, लेकिन अमेरिका की पॉलिसी अनसर्टेन है – खासकर ट्रंप जैसे नेताओं की वजह से।
आज स्पेस में री-यूजेबल रॉकेट्स आ गए हैं जो लागत को काफी कम करते हैं। टेक्नोलॉजी और AI स्पेस मिशन को ज्यादा सुरक्षित और प्रभावी बना रही है।
अब भारत में भी स्पेस स्टार्टअप उभर रहे हैं, लेकिन उन्हें उतना सरकारी सपोर्ट नहीं मिल रहा जितना मिलना चाहिए। प्राइवेट सेक्टर को अधिक सक्रिय बनाने की ज़रूरत है।
राइटर्स मानते हैं कि ISRO को सिर्फ R&D (रिसर्च एंड डेवलपमेंट) पर ध्यान देना चाहिए, जबकि मैन्युफैक्चरिंग और बड़े स्तर पर काम प्राइवेट सेक्टर को सौंपना चाहिए।
ISRO को हर मिशन के बाद ये बताना चाहिए कि उसका क्या फायदा हुआ, ताकि पब्लिक को भरोसा रहे कि करोड़ों रुपये का निवेश सही दिशा में हो रहा है।
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