🌸 टेक्नोलॉजी के माध्यम से महिला और बाल सशक्तिकरण: समावेशी भारत की ओर एक प्रगतिशील यात्रा 🌸

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टेक्नोलॉजी के माध्यम से महिला और बाल सशक्तिकरण 🌐 टेक्नोलॉजी के माध्यम से महिला और बाल सशक्तिकरण सशक्तिकरण का सबसे पहला और अहम पहलू है एक्सेस (Access) । जब किसी महिला या बच्चे को सेवाओं, अधिकारों और अवसरों तक सहज और पारदर्शी पहुंच मिलती है, तभी वे सही मायनों में सशक्त बनते हैं। 🚀 पिछले दशक में तकनीक की भूमिका पिछले एक दशक में हमने देखा है कि कैसे टेक्नोलॉजी ने "डेमोक्रेटिक एक्सेस" को संभव बनाया है। डिजिटल इंडिया और समावेशी विकास के विज़न ने महिलाओं और बच्चों तक सरकारी सेवाओं की लास्ट माइल डिलीवरी को साकार किया है। 🏫 सक्षम आंगनबाड़ी और पोषण ट्रैकर सक्षम आंगनबाड़ी पहल के अंतर्गत 2 लाख आंगनबाड़ी केंद्रों को मॉडर्न और टेक-सक्षम बनाया गया है। वर्कर्स को स्मार्टफोन, डिजिटल डिवाइसेस और इनोवेटिव टूल्स से लैस किया गया है। पोषण ट्रैकर एक वेब पोर्टल है जो 14 लाख आंगनबाड़ी केंद्रों से जुड़ा हुआ है। इससे 10.14 करोड़ से अधिक लाभार्थी – गर्भवती महिलाएं, शिशु, किशोरियां – लाभान्वित हो रही हैं। रियल टाइम डेटा, नोटिफिकेशन और सप्लाई की ट्रैकिंग इसको बे...

"25 जून 1975: आपातकाल के 50 वर्ष – लोकतंत्र की कसौटी पर भारत"

इमरजेंसी 1975 - भारतीय लोकतंत्र का काला अध्याय

✒️ इमरजेंसी 1975: भारतीय लोकतंत्र का काला लेकिन शिक्षाप्रद अध्याय

📌 GS Paper 1 – Post Independence India के लिए कैसे महत्वपूर्ण है?

Post-Independence India टॉपिक में इमरजेंसी एक ऐसा मुद्दा है जो राजनीतिक संस्थाओं की मजबूती या कमजोरी, नेतृत्व की भूमिका, और जनता की लोकतांत्रिक चेतना को उजागर करता है। यह भारतीय संविधान, लोकतंत्र और संस्थाओं की परीक्षा थी।

⚠️ इमरजेंसी क्या होती है?

जब कोई देश संविधान की सामान्य प्रक्रिया को निलंबित करके असाधारण शक्तियों का प्रयोग करता है, तो उस स्थिति को इमरजेंसी कहा जाता है। भारत में संविधान के अनुच्छेद 352 के तहत यह लागू होती है।

🧱 1975 की इमरजेंसी: कैसे और क्यों लगी?

✴️ Trigger Point – इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला

  • 12 जून 1975: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इंदिरा गांधी का चुनाव रद्द किया।
  • उन्हें 6 साल के लिए अयोग्य ठहराया गया।

✴️ सुप्रीम कोर्ट का ‘Partial Stay’

24 जून को सुप्रीम कोर्ट ने आंशिक राहत दी, लेकिन 25 जून 1975 की रात इमरजेंसी घोषित कर दी गई।

✴️ Article 352 – Internal Disturbance

"Internal Disturbance" के आधार पर इमरजेंसी लगाई गई, जिसे 44वें संशोधन में बदलकर "Armed Rebellion" किया गया।

🔐 इमरजेंसी के दौरान क्या-क्या हुआ?

  • मौलिक अधिकार निलंबित: Article 19 सहित कई अधिकार सस्पेंड किए गए।
  • ADM Jabalpur केस: सुप्रीम कोर्ट ने सरकार का पक्ष लिया, बाद में खेद प्रकट किया गया।
  • मीडिया पर सेंसरशिप: अखबारों को सरकारी अनुमति से छापना पड़ता था।
  • MISA और DIR के तहत गिरफ्तारियाँ: हजारों लोग जेल भेजे गए।
  • धोबी केस: आम जनता भी झूठे केसों में फंसी।

⚔️ विरोध और विद्रोह

  • जेपी मूवमेंट: संपूर्ण क्रांति का आह्वान (1974)।
  • रेलवे स्ट्राइक: जॉर्ज फर्नांडिस के नेतृत्व में हड़ताल।

⚖️ Forced Sterilization & संजय गांधी

संजय गांधी के नेतृत्व में जबरन नसबंदी अभियान चला। अधिकारियों को कोटा दिया गया था, विशेषकर अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया गया।

🏚️ टर्कमैन गेट घटना

दिल्ली के इस इलाके में जबरन अतिक्रमण हटाया गया, विरोध में पुलिस फायरिंग हुई जिसमें कई लोग मारे गए।

🙌 इमरजेंसी की तारीफ़ें भी?

कुछ लोगों ने इसे अनुशासन का समय कहा। विनोबा भावे ने इसे “अनुशासन पर्व” कहा।

“शेर और बकरी एक घाट पर पानी पीते हैं।” – विनोबा भावे

लेकिन लोकतंत्र को कुचलना अनुशासन नहीं हो सकता।

🗳️ जनता का जवाब: 1977 चुनाव

  • जनता पार्टी की जीत
  • मोरारजी देसाई बने पहले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री
  • इमरजेंसी के खिलाफ जनता ने वोट किया

📜 44वां संविधान संशोधन (1978)

  • "Internal Disturbance" की जगह "Armed Rebellion"
  • Article 20 और 21 को non-suspendable बनाया गया
  • कैबिनेट की लिखित सलाह जरूरी

🧠 निष्कर्ष: एक कड़वा लेकिन ज़रूरी सबक

इमरजेंसी भारतीय लोकतंत्र का काला अध्याय था लेकिन इसने दिखा दिया कि जनता ही लोकतंत्र की असली ताक़त है।

“लोकतंत्र केवल संविधान से नहीं, जनता की इच्छा से जीवित रहता है।”

✅ UPSC के लिए Core Keywords:

  • Internal Disturbance → Armed Rebellion
  • 44th Amendment
  • ADM Jabalpur Case
  • Forced Sterilization (Sanjay Gandhi)
  • Press Censorship
  • MISA / DIR
  • JP Movement
  • Railway Strike (George Fernandes)
  • Turkman Gate Incident
  • Era of Discipline – Vinoba Bhave
  • Post Emergency Democratic Revival

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